मधुमक्खी एवं उनका छत्ता
एक श्रमिक मधुमक्खी एक चक्कर में सिर्फ १०० मिलीग्राम -करीब पानी की २ बूंदो जितना - मकरंद ही इकठ्ठा कर पाती है | मधुमक्खियां इस मकरंद का क्या करती है? वो इससे शहद बनती है | मधुमक्खियां छत्ते के अंदर आकर इस मकरंद में से पानी की मात्रा को काम करती है एवं अपनी कुछ ग्रंथियों में से निकले हुए द्रव की सहायता से मकरंद की कुछ शर्करा को सरल रूप में बदल देती है जिससे बने हुए शहद का लम्बे समय तक भण्डारण करके रखा जा सके |
मधुमक्खियां काफी ज्यादा मात्रा में शहद बनती है | यह काम आसान नहीं है | इसके अंत तक बड़े छत्ते में करीब १०० पाऊंड या ४५ किलो के लगभग शहद तैयार हो जाता है ताकि सर्दी के मौसम में छत्ते में पर्याप्त भोजन हो | अब इस बात को समझा जा सकता है कि मधुमक्खी गर्मी के मौसम में इतनी मेहनत क्यों करती है ताकि सर्दी के मौसम में भोजन के आभाव में वे ज़िंदा रह सके |
मधुमक्खियों की सारी प्रजाति में ऐसा नहीं होता कि समूह के सारे सदस्य आपस में मदद करते है | कुछ मधुमक्खियों की प्रजाति जैसे कि 'डिगर बी' खुद से रहने और खाने की व्यवस्था करती है | अन्य प्रजातियां जो छोटे समूह में रहती है उन्हें काफी काम खुद से या छोटे से ग्रुप में रहकर करना होता है | उदहारण के तौर पर भंवरा या 'बम्बल बी' का छत्ता एक मधुमक्खी से शुरू होता है एवं गर्मी के मौसम के अंत तक सैकड़ों सदस्य में परिवर्तित हो जाता है | अगली बार जब भी आप किसी फूल के नजदीक जाये तो गौर कीजियेगा कि मधुमक्खी की कितनी अलग अलग प्रकार की प्रजातियां आप ढूंढ सकते है |
छत्ते की रक्षा
जैसा की आपने समझा की मधुमक्खी के लिए शहद इतना जरूरी क्यों है तो आप यह भी समझ सकते है की इस शहद और छत्ते की रक्षा के लिए ये मधुमक्खियां तैयार रहती है ताकि भालू अथवा अन्य बड़े जंतु म्हणत से बनाया हुआ शहद न चुरा सके |
मधुमक्खियां रक्षा कैसे करती है? वे काटती नहीं है पर डंक जरूर मारती है | किसी खतरे की परिस्थिति को भांपने पर ही मधुमक्खी अपने डंक का प्रयोग करती है | श्रमिक मधुमक्खी का डंक कांटेदार होता है | इसके कांटेदार होने से डंक से शिकार होने वाले जंतु में डंक फंसा रह जाता है और लगातार विष उसके शरीर में जाते रहता है | हालांकि डंक मधुमक्खी के शरीर का एक भाग है और उसके शरीर से अलग हो जाने के कारन मधुमक्खियां अपने शरीर को नुक्सान होने से नहीं बचा पति और डंक मारने के पश्चात नहीं रह पाती |
कुछ मधुमक्खियां जैसे की एशिया की बड़ी मधुमक्खी कुछ अन्य रक्षा प्रणाली भी अपनाती है जैसे की झुण्ड में डंक मारना या उदर को एक साथ गर्म करना ताकि कुछ छोटे आक्रमणकर्ता जैसे ततैया को सिर्फ गर्मी पैदा करके मारा जा सके |
युरोपियन मधुमक्खियां एकमात्र मधुमक्खियां नहीं होती जिन्हे अपने छत्ते की रक्षा करनी होती है | सभी मधुमक्खियों की प्रजाति के पास डंक नहीं होता | उष्णकटिबंधीय जगहों पर मधुमक्खी पालक सामान्यत: डंकविहीन मधुमक्खी पालते है | हालाँकि आपको तब भी सावधान रहना है क्योकि डंक न होने पर ये काट कर अपनी रक्षा करती है |
अफ़्रीकी मधुमक्खी
अफ़्रीकी मधुमक्खी यूरोप तथा दक्षिणी अफ्रीका की संकर प्रजाति को कहते है | अफ़्रीकी मधुमक्खी खुले स्थानों पर अपने छत्ते बनाकर तेजी से विस्तार करती है | यह छत्ते अन्य छत्तो में टूटकर फैलते जाते है | इसी कारण यह प्रजाति दक्षिणी अमेरिका एवं उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी भाग तक काफी जल्दी फ़ैल गयी |
अफ़्रीकी मधुमक्खी अपने डंक के कारण प्रचलित है | हालांकि यूरोपी मधुमक्खी इस मामले में इनसे कुछ ज्यादा भिन्न नहीं है है | अफ़्रीकी मधुमक्खी खतरे एवं डंक के प्रयोग में अधिक संवेदनशील होती है इसका अर्थ है की कोई भी खतरे का अंदेशा होने पर वे जल्दी ही डंक मारने का प्रयास करती है | इसके विपरीत यूरोपी मधुमक्खी सिर्फ अपने छत्ते की रक्षा में ही डंक मारती है |
अफ़्रीकी मधुमक्खी अपने डंक के कारण प्रचलित है | हालांकि यूरोपी मधुमक्खी इस मामले में इनसे कुछ ज्यादा भिन्न नहीं है | अफ़्रीकी मधुमक्खी खतरे एवं डंक के प्रयोग में अधिक संवेदनशील होती है इसका अर्थ है कि कोई भी खतरे का अंदेशा होने पर वे जल्दी ही डंक मारने का प्रयास करती है | इसके विपरीत यूरोपी मधुमक्खी सिर्फ अपने छत्ते की रक्षा में ही डंक मारती है |
जब तक की आप मधुमक्खी के छत्ते से दूर है, उन्हें नहीं छेड़ रहे तब तक आपको डरने की कोई जरुरत नहीं है | अन्य मधुमक्खियों की तरह इन्हे भी आप दिनचर्या करते हुए शांतिपूर्वक देख सकते है |
जबतककीआप मधुमक्खीकेछत्तेसे दूरहै, उन्हेंनहींछेड़रहेतबतकआपकोडरनेकीकोईजरुरतनहींहै | अन्यमधुमक्खियोंकीतरहइन्हेभीआपदिनचर्याकरतेहुएशांतिपूर्वकदेखसकतेहै |
ग्रंथ सूची का विवरण:
- लेख: मधुमक्खी एवं उनका छत्ता
- लेखक: Dr. Biology
- प्रकाशक: Arizona State University School of Life Sciences Ask A Biologist
- साइट का नाम: ASU - Ask A Biologist
- प्रकाशित तिथि: 5 Apr, 2021
- प्रवेश की तारीख:
- संपर्क: https://askabiologist.asu.edu/hindi/%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%96%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%A6
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Dr. Biology. (Mon, 04/05/2021 - 18:26). मधुमक्खी एवं उनका छत्ता. ASU - Ask A Biologist. Retrieved from https://askabiologist.asu.edu/hindi/%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%96%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%A6
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Dr. Biology. "मधुमक्खी एवं उनका छत्ता". ASU - Ask A Biologist. 05 Apr 2021. https://askabiologist.asu.edu/hindi/%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%96%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%A6
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Dr. Biology. "मधुमक्खी एवं उनका छत्ता". ASU - Ask A Biologist. 05 Apr 2021. ASU - Ask A Biologist, Web. https://askabiologist.asu.edu/hindi/%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%96%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%A6
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